Monday, April 6, 2015

इंतजार



है तुम्हारा इंतजार,
कि देखते हैं कब आते हो,
थिरक रहे जो पांव, नाचने को,
कि देखते हैं कब नचाते हो?
तुझ में मैं हूं, मुझ में तू हैै,
जो किया था तुमने वादा,
कि राधा है कृष्ण और कृष्ण हैं राधा,
अपनी ही कही बातों को,
कि कब तलक निभाते हो?
है तुम्हारा इंतजार,
कि देखते हैं कब आते हो?
भीतर जो जगाए हो, प्यास न बुझने वाली,
कि जिसके लिए झेली हूं,
कितने अपमान और गाली,
कि करने को तृप्त आत्मा को,
बंशी कब बजाते हो?
थिरक रहे जो पांव,
कि देखते हैं कब नचाते हो...?
---- Heejna_sumaiya

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