Monday, April 6, 2015

उन्हीं की यादों में



उन्हीं की यादों में
खोये रहते है पल-पल
बड़ा अजीब और अकेला
महसुस करते हैं आजकल
जो दिख जाऐं कहीं वो
तो छिपाना चाहते हैं खुद को
और ना हो दीदार
तो दीखाना चाहते हैं उनको
की सिने में दिल अनायास ही
धड़कता है धक-धक
बड़ा अजीब और अकेला
महसुस करते हैं आजकल
प्रिय, प्रियतम, प्राणप्रिय
वो है मेरा पिया
कि माखन के साथ-साथ
जो सबके चुराते जिया
वोही, की सिर्फ वोही इस दिल में
समाये रहते हैं हर पल
बड़ा अजीब और अकेला
महसुस करते हैं आजकल
---- हीजना सुमैया

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